Ancient City in Rajasthan के डीग ज़िले में Archaeologist ने एक अद्भुत खोज की है जिसने पूरे देश और इतिहास प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यहाँ एक 4500 साल पुराना ancient city in rajasthan खोजा गया है, जो भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को और बडा बनाता है। ये खोज न केवल ऐतिहासिक नजरीये से जरुरी है बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और हिस्ट्रिक स्तर पर भी अनोखा है। इस प्राचीन जगाह से पांच ऐतिहासिक कालों से जुड़े अवशेष मिले हैं: हड़प्पा पश्चात काल, महाभारत युग, मौर्य, कुषाण और गुप्त काल। इससे यह साबित होता है कि यह झोन सदियों से मानव सभ्यता का केंद्र रहा है.
Ancient City in Rajasthan
Historical Period | Approximate Timeline | Artefacts Found | Cultural Significance |
---|---|---|---|
Harappan Post-Period | ~2000 BCE | Pottery, tools, fire pits | Early settlement culture & rituals |
Mahabharata Era | ~1500–1000 BCE | Religious fire altars, deity figurines | Vedic rituals, mythological associations |
Mauryan Dynasty | ~322–185 BCE | Coins, seals, iron tools | Administrative & trade development |
Kushan Dynasty | ~30–375 CE | Sculptures, terracotta items | Art, religion, and Indo-Roman trade |
Gupta Dynasty | ~320–550 CE | Coins, temple remains, deity statues | Classical Indian art and prosperity |
Connection to the Saraswati River

Ancient City in Rajasthan इस प्राचीन नगर के पास खुदाई में एक गहरी प्राचीन नदी की धारा का भी पता चला है, जिसे Saraswati River से जोड़ा जा रहा है। भारतीय पौराणिक कथाओं और वेदों में दिखाई गई सरस्वती नदी को लंबे समय से एक mythical river माना जाता रहा है, लेकिन इस खोज से यह संभावना बढ़ गई है कि यह नदी सच में अस्तित्व में थी और उसी ने इन शुरूआती बस्तियों को जीवन दिया.
Archaeologist का मानना है कि इस नदी की मौजूदगी ने क्षेत्र में खेती, पूजा-पाठ और मानव ठिकान को मुनकिन बनाया। सरस्वती नदी के किनारे बसी यह सभ्यता कई युगों से गुजरते हुए आज भी ज़मीन के नीचे अपने इतिहास को सजाया हुए है.
Artefacts That Tell the Story
Ancient City in Rajasthan इस ठिकाण से 800 से अधिक हिस्टॉरिक चीज़ें हासिल हुई हैं। इनमें मिट्टी के बर्तन, सिक्के, देवी-देवताओं की मूर्तियाँ, लोहे और पत्थर के औज़ार, अग्निकुंड, मोहरें और टेराकोटा का रूप शामिल हैं। मौर्य और गुप्त काल के सिक्कों से यह भी साबित होता है कि उस समय यहां व्यापारिक प्रयत्न होती थीं और एक संगठित सामाजिक व्यवस्था मौजूद थी। वहीं हड़प्पा काल के बर्तनों और अग्निकुंड से यह संकेत मिलता है कि यहाँ धार्मिक पूजा भी होते थे.
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Why is This Discovery Important?

यह ancient city in Rajasthan की अब तक की सबसे गहरी खुदाई में से एक है, जिससे यह क्लिअर होता है कि यह स्थल कई परतों में बसा हुआ था। यह खोज न केवल भारत के प्राचीन इतिहास को और क्लिअर करती है, बल्कि सरस्वती नदी के अस्तित्व को लेकर भी नए दरवाज़े खोलती है। यह ठिकाण जल्द ही एक National Archaeological Site के रूप में सुरक्षित किया जा सकता है, जिससे यहाँ की परंपरा को भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित किया जा सके.
Cultural and Religious Legacy
Ancient City in Rajasthan मूर्तियों और अग्निकुंड जैसे धार्मिक अवशेष यह देखता हैं कि यहाँ गहरी धार्मिक आस्था और परंपराएं थीं। महाभारत युग के समय में अग्निहोत्र और यज्ञ जैसे कर्मकांड आम थे और इस ठिकाण पर उसकी सामने झलक मिलती है। कुषाण काल की कला और गुप्त काल की मूर्तियाँ यह दर्शाती हैं कि इस नगर ने भारतीय शिल्प और मूर्तिकला को भी सजाया और आगे बढ़ाया.
Ancient City in Rajasthan What’s Next?

राज्य और केंद्र सरकार इस खोज को सुरक्षित करने की दिशा में कार्य कर रही है। Ancient City in Rajasthan इस ठिकाण को National Heritage Site घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही इसे एक मेन archaeological tourism ठिकाण के रूप में भी बनाया जा सकता है। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावनाएं भी इससे जुड़ती हैं। आने वाले समय में यह झोन इतिहास प्रेमियों, वैज्ञानिक और पर्यटकों का मेन आकर्षण बन सकता है.
Conclusion
4500 साल पुराना ancient city in Rajasthan की यह खोज भारत के महान पुराने समय की एक झलक है। यह ठिकाण हमें न केवल इतिहास सिखाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह हमारी प्राचीन संस्कृति, आस्था, कला और जीवनशैली समय के साथ विकसित हुई है।Saraswati river connection से यह भी क्लिअर होता है कि कई प्राचीन कल्पनाएं अब सच का रूप ले रही हैं। इस तरह की खोजें न केवल इतिहास को जीवित करती हैं बल्कि हमारी जड़ों से जोड़ती हैं.