India: Infineon’s Big Move – Doubling Workforce and Exploring Chip Manufacturing
भारत का सेमीकंडक्टर स्टोरी अब सिर्फ मौके तक सीमित नहीं है, बल्कि यह तेजी से हकीकत में बदल रही है। पिछले हफ्ते जर्मन कंपनी Infineon Technologies ने घोषणा की कि वो भारत में अपने वर्कफोर्स को दोगुना करने जा रही है और यहां चिप मैन्युफैक्चरिंग मौके की तलाश रही है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक भारत में 5,000 से अधिक इंजीनियर्स को तैनात करने और यहां से $1 बिलियन का रेवेन्यू जनरेट करने का है। इसके लिए Infineon ने बेंगलुरु के अलावा अहमदाबाद में भी नया ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) खोला है |

Infineon की यह योजना सिर्फ एक साधारण टेक्नोलॉजी फुटप्रिंट नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण रणनीति है, जिसमें चिप डिज़ाइन, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर वैल्यू क्रिएशन को संपूर्ण रूप से शामिल किया गया है। यह नज़रिया भारत को केवल एक सप्लाई सेंटर नहीं, बल्कि एक ग्लोबल इनोवेशन हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कंपनी का लक्ष्य न केवल डिज़ाइन और R&D को विकास देना है, बल्कि भविष्य में सीधे या रणनीतिक साझेदारों के माध्यम से भारत में चिप मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत करना भी है। यह एक विज़न है जो भारत में सेमीकंडक्टर कंपनी की संपूर्ण वैल्यू चेन को विकसित करने की क्षमता रखता है |
India: From NXP and Texas Instruments to Intel – Billion-Dollar Bets by Major Companies
Infineon अकेली नहीं है जो भारत में भारी इन्वेस्टमेंट कर रही है। NXP सेमीकंडक्टर्स ने भारत में $1 बिलियन का R&D इन्वेस्टमेंट किया है और यहां चार डिजाइन हब्स स्थापित किए हैं। कंपनी का टीम साइज डबल होने वाला है ताकि ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल चिप्स के लिए सपोर्ट बढ़ाया जा सके |

Texas Instruments ने तो भारत में 1985 में ही अपना पहला R&D सेंटर खोल दिया था। आज भारत उनका अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा इंजीनियरिंग हब है। यहां वे एनालॉग और एम्बेडेड चिप्स डेवलप कर रहे हैं, जो ग्लोबल मार्केट में सप्लाई होते हैं। इसी तरह, STMicroelectronics ने फॉक्सकॉन के साथ पार्टनरशिप कर गुजरात में 40nm चिप फैब के लिए बिड लगाई है।
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India’s Design First, Manufacturing Next Strategy
अभी ज्यादातर कंपनियां फैब (Fabrication Plants) बनाने में जल्दबाजी नहीं कर रही हैं, लेकिन वे भारत में डिजाइन टैलेंट पूल को मजबूत करने और R&D लैब्स को एक्सपैंड करने पर फोकस कर रही हैं। उदाहरण के लिए, Intel ने बेंगलुरु में एक नई AI चिप लैब खोली है, जबकि Qualcomm ने चेन्नई में 177 करोड़ रुपये की R&D फैसिलिटी लॉन्च की है। Analog Devices, टाटा ग्रुप के साथ मिलकर लोकल मैन्युफैक्चरिंग मोके की तलाश कर रही है |

India’s Scale and Skills: Its Major Strength
भारत के पास दो बड़े फायदे हैं – स्केल और स्किल्स। दुनिया के 20% से अधिक चिप डिजाइन टैलेंट भारत में मौजूद हैं। हर साल यहां 1.5 मिलियन STEM ग्रेजुएट्स तैयार होते हैं। स्टार्टअप्स और GCCs के बीच कॉलैबोरेशन भी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है। सरकार ने भी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए $10 बिलियन का इंसेंटिव पैकेज दिया है, जिसमें फैब, OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly and Test) और डिजाइन सपोर्ट शामिल है |

Conclusion: क्या भारत बन पाएगा ग्लोबल सेमीकंडक्टर सुपरपावर?
इंफिनियन के CEO ने कहा था – “India is an interesting market, and we are here to grow.” यह बयान भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा को सटीक रूप से दर्शाता है। अब सवाल यह है कि क्या भारत इस वेव को आगे बढ़ाकर एक ग्लोबल सेमीकंडक्टर सुपरपावर बन पाएगा? जवाब मौकों से भरा हुआ है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। अगर सब कुछ सही दिशा में चला, तो भारत न सिर्फ R&D बल्कि मैन्युफैक्चरिंग में भी दुनिया का नेतृत्व कर सकता है |