भारत की सुरक्षा निर्माण क्षमता में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, Rafale Jets Dassault Aviation ने Tata Advanced Systems Limited (TASL) के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी के अंतर्गत अब भारत में ही Rafale Fighter Jet के fuselage (मेन ढांचा) का निर्माण किया जाएगा। यह योजना भारत के लिए न केवल टेक्निकल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह #MakeInIndia और#AtmanirbharBharat जैसी प्रयास को भी मजबूती प्रस्तुत करती है.
Hyderabad: India’s First Rafale Jet Hub

डसॉल्ट और Tata की यह हाईटेक निर्माण हिस्सा Hyderabad में निर्मित की जाएगी। यह पहली बार है जब Rafale Jet के इतने महत्वपूर्ण हिस्से को France के बाहर तैयार किया जाएगा। नई फैक्ट्री का निर्माण कार्य जल्दी शुरू किया जाएगा और FY 2027-28 से प्रोडक्शन की शुरुआत होने की उम्मीद है। निर्माण क्षमता यह सुविधा सालाना 24 fuselages (प्रत्येक माह दो पूर्ण हिस्से) का निर्माण करेगी। इस तरह भारत में सूरक्षा निर्माण की गति और क्षमता दोनों को एक नया दर्जा मिलेगा.
Fuselage Role in Rafale Jet: Why It Matters

Fuselage किसी भी लड़ाकू विमान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें बताये गए महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल होते हैं:
- Cockpit (कॉकपिट): जहाँ पायलट विमान का नियंत्रण करता है।
- Avionics Systems: विमान के नेविगेशन, संपर्क, और टार्गेट सिस्टम से जुड़ी हायटेक तकनीक।
- Structural Integrity: पूरे विमान की मजबूती और संतुलन इसी ढांचे पर निर्भर करता है।
इस हिस्से का निर्माण भारत में होने से देश को तकनीकी क्षमता, कौशल विकास, और सुरक्षा आत्मनिर्भरता में गहरी पकड़ मिलेगी.
Promoting Make In India & Atmanirbhar Bharat

यह साझेदारी भारत सरकार की ‘Make In India’ और ‘Atmanirbhar Bharat’ प्रयास के अंतर्गत एक मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना केवल सुरक्षा मशीनें के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिये से:
- Local Supply Chains को बढ़ावा मिलेगा।
- Skilled Workforce Development की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
- High-Tech Manufacturing Ecosystem का विकास होगा।
Technology Transfer के ज़रिए भारत में नई तकनीकी क्षमताएँ स्थापित होंगी.
Tata-Dassault: Strategic Future Partnership
TASL और Dassault Aviation की यह योजना वाली साझेदारी भारत में सुरक्षा क्षेत्र के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह साझेदारी केवल Rafale के fuselage निर्माण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में इस आधार पर और भी सुरक्षा तकनीकों और प्लैटफॉर्म्स का स्थानीय निर्माण मुमकिन हो सकेगा.
Potential Benefits:
- भारत की सुरक्षा जरूरतों को देसी रूप से पूरा करना।
- निर्यात की संभावना—भविष्य में भारत इन हिस्सो को बाकी देशों को भी सप्लाई कर सकता है।
- Tier-1 और Tier-2 defense suppliers के लिए नए मोके।
Why It Matters?

भारत अब सिर्फ रक्षा उपकरणों का आयातक नहीं, बल्कि एक वैश्विक रक्षा निर्माण केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। Rafale जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान के मुख्य ढांचे का निर्माण भारत में होना इसी बदलाव का प्रतीक है। इससे देश की छवि एक ग्राहक से निर्माता के रूप में बदल रही है। यह न केवल रक्षा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि निर्यात और तकनीकी आत्मनिर्भरता के नए द्वार खोलेगा। Hyderabad में बनने वाली यह सुविधा युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के अवसर भी प्रदान करेगी। यह साझेदारी ‘Make in India’ और ‘Atmanirbhar Bharat’ को सशक्त बनाते हुए भारत को रक्षा क्षेत्र में नेतृत्व की ओर ले जा रही है।
Conclusion
डसॉल्ट और टाटा की यह साझेदारी भारतीय सुरक्षा क्षेत्र के लिए Game Changer है। Hyderabad में बनने वाली यह नई सुविधा, न केवल भारत की रणनीतिक ताकत को बढ़ाएगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और तकनीकी अभ्यास के भी बहोत सारे अवसर लेकर आएगी। By FY28, जब यह प्लांट पूरी क्षमता से उत्पादन करेगा, तब भारत न केवल अपने सुरक्षा विमानों के लिए जरूरी तकनीकें खुद बना रहा होगा, बल्कि ग्लोबल मंच पर एक भरोसेमंद और ताकतवर सूरक्षा निर्माता के रूप में भी दिखेगा.
Also read: Vijay Mallya Podcast: ‘Fugitive’ businessman speaks after 9 years