Yamuna River को उसकी पवित्रता और स्वच्छता लौटाने के उद्देश्य से, 17 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के ITO क्षेत्र में एक बडा सफाई अभियान (Massive Cleansing Drive) चलाया गया। इस अभियान में सैकड़ों कर्मचारी (workers) ने भाग लिया और दशकों से जमे हुए प्रदूषकों और कचरे (pollutants & waste) को हटाने का प्रयास किया। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के pollution-free Yamuna के वादे के अंतर्गत उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक है.
Yamuna River: From Sacred to Polluted

कभी पवित्र और स्वच्छ मानी जाने वाली यमुना नदी आज दुनिया की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक बन चुकी है। घरेलू (domestic) और औद्योगिक (industrial) कचरा (waste) के कारण इसका पानी जहरीला हो गया है। लाखों लोगों के लिए पीने के पानी (drinking water) का जरिया होने के बावजूद, नदी की हालत दयनीय हो गई है.
Major Causes of Pollution:
- घरेलू और औद्योगिक कचरा जल का निर्वहन (unregulated wastewater discharge)
- अवैध कचरा फेंकना (illegal dumping of waste)
- धार्मिक क्रियाएँ के बाद मूर्ती विसर्जन (idol immersion)
- अधूरा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (lack of proper sewage treatment plants)
Yamuna River Cleansing Drive at ITO: A Step Towards Change

ITO इलाके में यह बडा सफाई अभियान सरकार की संकल्प (commitment) को दर्शाता है। यह सिर्फ एक शुरुआत है, और आने वाले महीनों में इस तरह के और भी अभियान (initiatives) चलाए जाने की उम्मीद है। इस drive के माध्यम से यह पक्का करने की कोशिश की गई कि गंदगी और कचरे को हटाकर यमुना नदी को पुनर्जीवित किया जाए.
Yamuna River Cleaning Campaign

इस सफाई अभियान के दौरान सैकड़ों कर्मचारी ने यमुना नदी से प्लास्टिक, गंदगी और अन्य कचरा हटाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्य को प्रभावी बनाने के लिए सुरक्षा उपकरणों के साथ एक संगठित सफाई प्रक्रिया अपनाई गई, जिससे कर्मचारी की सुरक्षा पक्की हो सके।
जल संस्थाएँ की सफाई के लिए विकसित रासायनिक तकनीकों का भी उपयोग किया गया, ताकि नदी में जमे हुए हानिकारक तत्वों को प्रभावी ढंग से हटाया जा सके। सरकार ने इस अभियान के माध्यम से केवल सफाई कार्य ही नहीं किया, बल्कि आगे की रणनीति पर भी बल दिया, जिससे यमुना नदी की स्वच्छता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सके.
Impact of Yamuna River Pollution: A Serious Concern

यमुना का बढ़ता प्रदूषण स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। विशेष रूप से, इसका सबसे अधिक प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। नदी का प्रदूषित जल डायरिया, हेपेटाइटिस और त्वचा संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म देता है, जिससे लाखों लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा,
वायु में बढ़ते जहरीले धुएं (टॉक्सिक फ्यूम्स) के कारण लोगों के फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जल स्रोतों में रासायनिक प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या बन चुका है, जो विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए अत्यंत घातक सिद्ध हो सकता है। यदि इस समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो इसके दीर्घकालिक प्रभाव और भी गंभीर हो सकते हैं.
Yamuna River: Environmental Impact
- नदी में ऑक्सीजन की कमी (oxygen depletion) से जलीय जीवों की मौत हो रही है।
- मछली पालन (fisheries) और नदी किनारे रहने वाले लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है।
- यमुना का खारा और जहरीला पानी आसपास के खेतों और फसलों को भी नुकसान पहुँचा रहा है।
Yamuna River: Government Efforts & Public Participation
सफाई अभियान की सफलता केवल सरकार के प्रयासों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसमें जनता की सक्रिय भागीदारी भी जरूरी है। यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए सख्त प्रदूषण नियंत्रण कानून लागू किए जाएंगे और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि गंदे पानी के सीधे नदी में बहने की समस्या कम हो सके।
इसके अलावा, नदी किनारे कूड़ा निस्तारण केंद्र स्थापित किए जाएंगे और सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि लोग नदी की स्वच्छता बनाए रखने के प्रति जागरूक हों। यदि जनता इस पहल में सहयोग करे, तो यमुना को फिर से स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकता है.
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Conclusion:
यमुना नदी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त (clean & pollution-free) बनाना सरकार और जनता दोनों की ज़िम्मेदारी है। यदि हम सही कदम उठाएँ और नियमित रूप से नदी की सफाई और संरक्षण पर ध्यान दें, तो निश्चित रूप से यमुना को उसकी पवित्रता और सुंदरता लौटाई जा सकती है.
स्वच्छ यमुना, स्वस्थ भारत!